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Monday, May 23, 2011

एक नए देश का जन्म


किसी नए देश के गठन का जिक्र सुनते ही आपके मन में सबसे पहला सवाल क्या आता है? शायद यह कि नए देश को इसके लिए क्या करना पड़ता होगा? इसी साल जुलाई में सूडान दो हिस्सों में बंटने वाला है। उत्तरी सूडान से अलग होकर दक्षिणी सूडान दुनिया का सबसे नया देश बनने वाला है। आइए जानते हैं दक्षिणी सूडान को नए देश के लिए कहां-कहां और कौन-कौन से बदलाव करने होंगे?

एक नए देश के गठन के साथ ही अनेक नई चीजों की पहल करनी पड़ती है। इसके लिए सबसे पहला कदम होता है उस नए देश का राष्ट्रगान। इसके बाद अन्य बदलाव हैं - अंतरराष्ट्रीय टेलीफोन डायलिंग कोड, देश के लिए इंटरनेट सफ्रीक्स, हवाई ट्रैफिक कंट्रोल, ट्रेड ट्रैफिक। एक नए देश के लिए सर्वाधिक कड़ी चुनौती होती है विदेश सेवा की स्थापना और विभिन्न देशों में राजनयिकों की नियुक्ति की।

ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना में सबसे पुराना राजनयिक प्रशिक्षण केंद्र है और इसने दक्षिणी सूडान को सहायता देने की पेशकश की है। इसके बाद चुनौती आती है राजनयिकों की मान्यता की। दुनिया में 190 से अधिक देशों के साथ संबंध स्थापित करना एक नए देश के लिए आसान नहीं है। 1991 में स्वतंत्र हुए इस्टोनिया के संबंध अभी तक दुनिया के 170 देशों से ही बन सके हैं और इसमें 2010 में सबसे नया संबंध हैती के साथ विकसित हुआ।

इसके बाद बारी आती है संयुक्त राष्ट्र की सदस्यता की। नए देश के निर्माण के साथ ही उस देश का नाम संयुक्त राष्ट्र के दस्तावेजीकरण प्रभाग को जाता है और वहां से लोकप्रिय और औपचारिक नाम के रूप में उस देश का नाम 6 भाषाओं में छपकर सभी संयुक्त राष्ट्र सदस्य देशों के बीच भेजा जाता है।

नए देश का नाम जेनेवा स्थित इंटरनेशनल स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन की डायरेक्ट्री के लिए भेजा जाता है जहां से उस देश के लिए एक कोड नेम मिलता है। जैसे अफगानिस्तान के लिए एएफजी और जिम्बाब्वे के लिए जेडडब्ल्यूई। यह कोड नए राज्य हेतु अंतरराष्ट्रीय पदों के लिए सहायक होता है। साथ ही यह नागरिकों के इमेग्रेशन में काम आता है।
नेशनल टॉप लेबल डोमेन का वेब एड्रेस में उपयोग होता है। जैसे फ्रांस के लिए डॉट एफआर या जर्मनी के लिए डॉट डीई। साउथ सूडान के लिए यह सफीक्स डॉट एसएस हो सकता है।

अंतरराष्ट्रीय टेलीफोन कोड संयुक्त राष्ट्र की जेनेवा स्थित एजेंसी इंटरनेशनल टेलीकम्यूनीकेशन यूनियन (आईटीयू) द्वारा आवंटित किया जाता है। अभी सूडान का डायलिंग कोड +249 है। इसकी जगह दक्षिणी सूडान के लिए नया डायलिंग कोड होगा। इरिट्रिया अफ्रीका का नया देश है और उसका डायलिंग कोड +291 है। इसलिए दक्षिणी सूडान का डायलिंग कोड +292 हो सकता है। आईटीयू रेडियो वेबलेंथ भी तय करता है।

इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गेनाइजेशन हवाई यातायात में तो कोई सहायता नहीं करेगा लेकिन नई सरकार को मशीन से पढ़ने वाले पासपोर्ट देने में मदद करेगा। यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन देश को विदेशों में चिट्ठियों के लिए नए पोस्टेज स्टाम्प की अनुमति देता है। दक्षिणी सूडान में कोई तटरेखा नहीं है लेकिन यह इंटरनेशनल मेरिनटाइम ऑर्गेनाइजेशन के साथ जुड़ सकता है। (कंटेंट- इकोनामिस्ट और फोटो - गार्जियन से साभार)

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