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Tuesday, July 14, 2015

मोरे की नजर में धोनी सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपर


इंदौर। टीम इंडिया के पूर्व विकेटकीपर किरण मोरे के लिए धोनी नंबर वन विकेटकीपर हैं। लेकिन धोनी ने टेस्ट से संन्यास की घोषणा कर दी है तो उनकी जगह दावेदार कौन? जब यह पूछा गया तो उन्होंने कहा यह ओपन बाजी है। 4-5 दावेदार हैं, कोई भी टीम में हो सकता है। वे यहां होलकर स्टेडियम में एमपीसीए द्वारा आयोजित 5 दिवसीय कैम्प में मप्र के चुनिंदा खिलाड़ियों को विकेटकीपिंग के टिप्स देने आए हैं। भारत के लिए 49 टेस्ट खेलने वाले मोरे ने एक बातचीत में धोनी की जमकर तारीफ की। कहा धोनी अब तक के भारत के नंबर वन विकेटकीपर हैं। वे ऑलराउंडर हैं। 90 टेस्ट में 6 शतक बना चुके हैं। उन्होंने सभी फॉर्मेट में 500 से अधिक स्टंप्स किए हैं। टीम इंडिया का शानदार नेतृत्व किया है। मेरे लिए वे नंबर वन हैं। अब रहा सवाल दावेदार का तो टेस्ट में उनके बैकअप के रूप में नमन ओझा को भेजा गया था। रिद्धिमान साहा अनफिट थे। दिनेश कार्तिक, पार्थिव पटेल भी दावेदार हैं। संजू सैमसन अच्छी बल्लेबाजी भी कर रहे हैं। सभी का लेवल एक समान है। कोई भी टीम में आ सकता है। मुंबई इंडियंस के प्रदर्शन के सवाल पर आईपीएल में मुंबई इंडियंस टीम के साथ विकेटकीपिंग कंसल्टेंट के रूप में जुड़े मोरे ने मुंबई के प्रदर्शन पर संतोष जताया। उन्होंने कहा हमने पिछले मैच में राजस्थान को हराया है। हम जीत की राह पर लौटे तो क्वालिफाई कर सकते हैं। मुंबई ने अभी 8 में से महज 3 मैचों में जीत दर्ज की है। इनका मैच तो मैं पैसे देकर देखने जा सकता हूं 2002 से 2006 तक टीम इंडिया की चयन समिति के चेयरमैन रहे मोरे ने युवराज सिंह के हालिया फॉर्म का भी बचाव किया। उन्होंने कहा हर क्रिकेटर के लाइफ में एक टाइम आता है जब वह प्रदर्शन नहीं कर पाता। युवी के साथ भी ऐसा है। मैं उनका मैच देखने के लिए पैसे देकर जा सकता हूं। युवराज ने आईपीएल-8 के 8 मैचों की 7 पारियों में महज 124 रन बनाए हैं। उन्हें दिल्ली डेयरडेविल्स ने 16 करोड़ की भारी-भरकम राशि देकर खरीदा है। खो खो और क्रिकेट में से एक चुनना था, मैंने क्रिकेट चुना एनसीए में भी विकेटकीपिंग का टिप्स देने वाले मोरे पहले खो खो और क्रिकेट दोनों खेलते थे। उनके पास जब किसी एक खेल को चुनने की बारी आई तो उन्होंने क्रिकेट चुना। मोरे ने कहा मैं खो खो में स्टेट प्लेयर रहा हूं। मुझे जब क्रिकेट और खो खो में से चुनने को कहा गया तो मैंने क्रिकेट चुना। हालांकि खो खो फिटनेस के लिए बहुत अच्छा खेल है। कैम्प के बारे में उन्होंने कहा हम टेक्निक पर काम करेंगे। फिटनेस भी देखेंगे। हर विकेटकीपर का अपना स्टाइल होता है। हैंड पोजिशन क्या है? मोमेंट क्या है? देखने के बाद बताया जाएगा कि क्या सुधार की जरूरत है। भास्कर डॉट कॉम की खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें http://www.bhaskar.com/news/c-8-1145249-NOR.html

Thursday, May 21, 2015

युवी का चयन न होने से कोई फर्क नहीं : मल्होत्रा


इंदौर। वर्ल्ड कप के लिए चुनी गई भारतीय टीम में युवराज सिंह को शामिल नहीं किए जाने को भले ही कई पूर्व क्रिकेटरों ने चयनकर्ताओं की गलती करार दिया हो लेकिन पूर्व टेस्ट क्रिकेटर और बंगाल रणजी टीम के कोच अशोक मल्होत्रा इससे सहमत नहीं हैं। उन्होंने कहा है कि युवी को टीम में नहीं रखकर चयनकर्ताओं ने कोई गलती नहीं की है। टीम में जो खिलाड़ी शामिल हैं। हमें उनका समर्थन करना होगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि टीम इंडिया जल्द ही अपने रंग में लौट आएगी और खिताब की रक्षा करेगी। अशोक मल्होत्रा बंगाल रणजी टीम के साथ इंदौर आए हैं। बंगाल टीम यहां होलकर स्टेडियम में 6 फरवरी से आरंभ अपने आखिरी ग्रुप मुकाबले में मेजबान मप्र का सामना कर रही है। 7 टेस्ट और 20 वनडे में टीम इंडिया का प्रतिनिधित्व करने वाले मल्होत्रा ने विराट कोहली की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कोहली विराट खिलाड़ी हैं। उनका बैटिंग स्टाइल अच्छी है। टीम इंडिया की संभावना अच्छी : वर्ल्ड कप से पहले इंडिया टीम के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर खराब प्रदर्शन का भी उन्होंने बचाव किया। पूर्व चयनकर्ता ने कहा इंडिया टीम अच्छी संभावना है। मैं जानता हूं अभी बल्लेबाज रन नहीं बना पा रहे हैं। लेकिन ब्रिसबेन और पर्थ की पिचों में उछाल थी। वहां रन नहीं बने। लेकिन जब हमारी टीम एडिलेड, मेलबोर्न, सिडनी जाएगी तो खिलाड़ी अपने रंग में आएंगे। उन्होंने खिलाड़ियों के थके होने की बात से भी इनकार किया। उन्होंने कहा हमारे खिलाड़ी थके नहीं हैं। क्योंकि आधे से अधिक खिलाड़ियों ने एक-दो मैच ही खेले हैं। रणजी में बंगाल की संभावना पर उन्होंने कहा ये मैच क्वालिफाई करने के नजरिये से महत्वपूर्ण है। भास्कर डॉट कॉम की खबर के लिए क्लिक करें http://www.bhaskar.com/news/c-8-1096110-NOR.html

1974 में डेविस कप चूकने का आज भी मलाल है आनंद अमृतराज को


इंदौर। भारत पहली बार 1974 में डेविस कप टेनिस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचा था और भारत के पास ट्रॉफी जीतने का सुनहरा मौका था। फाइनल में उसके सामने दक्षिण अफ्रीका की चुनौती थी। मैच भी वहीं था लेकिन भारत सरकार ने अफ्रीका के रंगभेद की नीति की वजह से उसका बहिष्कार किया। भारत मैच खेलने नहीं जा सका और अफ्रीका विजेता रहा। उस भारतीय डेविस कप टीम के सदस्य रहे आनंद अमृतराज को आज भी इस बात का मलाल है। वे इंदौर टेनिस क्लब में दो दिवसीय ट्रेनिंग शिविर में खिलाड़ियों और कोच को प्रशिक्षण देने आए हैं। इस दौरान उन्होंने टेनिस से जुड़े हर सवाल का बेबाकी से जवाब दिया। उनसे जब पूछा गया कि भारत विंबलडन सिंगल्स में कब चैंपियन बनेगा तो वे पहले हंसे। फिर बोले - अभी मुश्किल है। बहुत समय लगेगा। फिर कहा, भारतीय खिलाड़ियों को पहले अपनी रैंकिंग सुधारनी होगी। भारत के नंबर वन खिलाड़ी सोमदेव की रैंकिंग दुनिया में 155 है। पहले हमें टॉप-100 में और फिर टॉप-50 में आना होगा। फिर अब शीर्ष 10 में आने और चैंपियन बनने की सोच सकते हैं। भारतीय टीम 1987 में दूसरी बार जब डेविस कप फाइनल में पहुंची तब भी आनंद अमृतराज टीम के सदस्य थे। तीन भाईयों में सबसे बड़े आनंद ने डबल्स के प्लेयर के रूप में भारत की पहचान बनाई। उनके समय से चली आ रही डबल्स की परंपरा अब भी चली आ रही है। करियर में 12 खिताब जीतने वाले आनंद ने मप्र के 40 कोचों को ऑन द कोर्ट और ऑफ द कोर्ट ट्रेनिंग दी। टेनिस के अलावा उन्होंने इक्यूपमेंट के बारे में भी बताया कि कितना महत्वपूर्ण रोल रहता है। शुक्रवार को 20 बच्चों को ट्रेनिंग दी गई। शनिवार को भी 20 बच्चों ने इस अभ्यास सत्र में हिस्सा लिया। इनकी उपस्थिति से बच्चे प्रेरित हो रहे हैं। भारतीय खिलाड़ी डबल्स ही क्यों खेलते हैं? जब उनसे यह पूछा गया तो उन्होंने कहा आप स्पेनिश और फ्रेंच प्लेयर को देख लीजिए। वे कोर्ट पर कितना तेज होते हैं। स्पेन, फ्रांस, चेक रिपब्लिक के खिलाड़ी एकल में अच्छे हैं। हमारे खिलाड़ी डबल्स में अच्छे हैं। एकल में नहीं। इसकी दो वजह है। एक तो भारत के खिलाड़ी को-ऑर्डिनेशन में अच्छे होते हैं। दूसरा डबल्स में उतनी तेजी नहीं दिखानी पड़ती। जितनी सिंगल्स मों चाहिए होती है। डबल्स में आपको सिर्फ आधे कोर्ट को कवर करना होता है। हमारे खिलाड़ियों की फिटनेस अच्छी होनी चाहिए। मैराथन दौड़ने की क्षमता होना चाहिए। कोच में क्या खूबी हो? बॉयज और गर्ल्स के लिए परफेक्ट कोच होना भी जरूरी है। जो उन्हें मोटिवेट कर सके और गेम को एंजॉय करे और एंजॉय करना सिखा सके। खेल को इंट्रेस्टिंग बना सके और जिसमें बच्चों के लिए ज्यादा फन हो। जुलाई में होने वाले डेविस कप मुकाबले के बारे में जुलाई में न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च में होने वाले भारत के डेविस कप मुकाबले के बारे में उन्होंने कहा हमें उम्मीद है हमारा प्रदर्शन बेहतर रहेगा। हमें पहले आशा थी कि चीन से खेलेंगे। क्योंकि चाइना न्यूजीलैंड से खेल रहा था। लेकिन न्यूजीलैंड ने अच्छा प्रदर्शन किया। न्यूजीलैंड को होम ग्राउंड का एडवांटेज रहेगा लेकिन हमारे खिलाड़ी अच्छे फॉर्म में हैं। हम अच्छा प्रदर्शन करेंगे। पिछले साल हमने चीनी ताइपे के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन किया। कोरिया के खिलाफ भी ठीक खेले। लेकिन आगामी डेविस कप मुकाबले के लिए लिएंडर पेस के वापसी की अभी कोई संभावना नहीं है। और सफल होंगी सानिया 36 साल के आनंद काफी फिट हैं। उन्होंने सानिया मिर्जा के प्रदर्शन की तारीफ की। उन्होंने कहा सानिया के लिए पिछला साल काफी अच्छा रहा था। उन्होंने सिंगापुर और ऑस्ट्रेलियन ओपन में खिताब जीता था। इंचियोन एशियन गेम्स साकेत मिनेनी के स्वर्ण पदक जीतने में कामयाब रही। इस साल की शुरुआत भी काफी अच्छी हुई है। अपने नए मिक्स्ड डबल्स पार्टनर स्विट्जरलैंड की मार्टिना हिंगिंस के साथ अब तक दो खिताब जीत चुकी हैं। वे और सफलता हासिल करेंगी। भास्कर डॉटकॉम पर खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें