इंदौर। भारत पहली बार 1974 में डेविस कप टेनिस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचा था और भारत के पास ट्रॉफी जीतने का सुनहरा मौका था। फाइनल में उसके सामने दक्षिण अफ्रीका की चुनौती थी। मैच भी वहीं था लेकिन भारत सरकार ने अफ्रीका के रंगभेद की नीति की वजह से उसका बहिष्कार किया। भारत मैच खेलने नहीं जा सका और अफ्रीका विजेता रहा। उस भारतीय डेविस कप टीम के सदस्य रहे आनंद अमृतराज को आज भी इस बात का मलाल है। वे इंदौर टेनिस क्लब में दो दिवसीय ट्रेनिंग शिविर में खिलाड़ियों और कोच को प्रशिक्षण देने आए हैं।
इस दौरान उन्होंने टेनिस से जुड़े हर सवाल का बेबाकी से जवाब दिया। उनसे जब पूछा गया कि भारत विंबलडन सिंगल्स में कब चैंपियन बनेगा तो वे पहले हंसे। फिर बोले - अभी मुश्किल है। बहुत समय लगेगा। फिर कहा, भारतीय खिलाड़ियों को पहले अपनी रैंकिंग सुधारनी होगी। भारत के नंबर वन खिलाड़ी सोमदेव की रैंकिंग दुनिया में 155 है। पहले हमें टॉप-100 में और फिर टॉप-50 में आना होगा। फिर अब शीर्ष 10 में आने और चैंपियन बनने की सोच सकते हैं।
भारतीय टीम 1987 में दूसरी बार जब डेविस कप फाइनल में पहुंची तब भी आनंद अमृतराज टीम के सदस्य थे। तीन भाईयों में सबसे बड़े आनंद ने डबल्स के प्लेयर के रूप में भारत की पहचान बनाई। उनके समय से चली आ रही डबल्स की परंपरा अब भी चली आ रही है। करियर में 12 खिताब जीतने वाले आनंद ने मप्र के 40 कोचों को ऑन द कोर्ट और ऑफ द कोर्ट ट्रेनिंग दी। टेनिस के अलावा उन्होंने इक्यूपमेंट के बारे में भी बताया कि कितना महत्वपूर्ण रोल रहता है। शुक्रवार को 20 बच्चों को ट्रेनिंग दी गई। शनिवार को भी 20 बच्चों ने इस अभ्यास सत्र में हिस्सा लिया। इनकी उपस्थिति से बच्चे प्रेरित हो रहे हैं।
भारतीय खिलाड़ी डबल्स ही क्यों खेलते हैं?
जब उनसे यह पूछा गया तो उन्होंने कहा आप स्पेनिश और फ्रेंच प्लेयर को देख लीजिए। वे कोर्ट पर कितना तेज होते हैं। स्पेन, फ्रांस, चेक रिपब्लिक के खिलाड़ी एकल में अच्छे हैं। हमारे खिलाड़ी डबल्स में अच्छे हैं। एकल में नहीं। इसकी दो वजह है। एक तो भारत के खिलाड़ी को-ऑर्डिनेशन में अच्छे होते हैं। दूसरा डबल्स में उतनी तेजी नहीं दिखानी पड़ती। जितनी सिंगल्स मों चाहिए होती है। डबल्स में आपको सिर्फ आधे कोर्ट को कवर करना होता है। हमारे खिलाड़ियों की फिटनेस अच्छी होनी चाहिए। मैराथन दौड़ने की क्षमता होना चाहिए।
कोच में क्या खूबी हो?
बॉयज और गर्ल्स के लिए परफेक्ट कोच होना भी जरूरी है। जो उन्हें मोटिवेट कर सके और गेम को एंजॉय करे और एंजॉय करना सिखा सके। खेल को इंट्रेस्टिंग बना सके और जिसमें बच्चों के लिए ज्यादा फन हो।
जुलाई में होने वाले डेविस कप मुकाबले के बारे में
जुलाई में न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च में होने वाले भारत के डेविस कप मुकाबले के बारे में उन्होंने कहा हमें उम्मीद है हमारा प्रदर्शन बेहतर रहेगा। हमें पहले आशा थी कि चीन से खेलेंगे। क्योंकि चाइना न्यूजीलैंड से खेल रहा था। लेकिन न्यूजीलैंड ने अच्छा प्रदर्शन किया। न्यूजीलैंड को होम ग्राउंड का एडवांटेज रहेगा लेकिन हमारे खिलाड़ी अच्छे फॉर्म में हैं। हम अच्छा प्रदर्शन करेंगे। पिछले साल हमने चीनी ताइपे के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन किया। कोरिया के खिलाफ भी ठीक खेले। लेकिन आगामी डेविस कप मुकाबले के लिए लिएंडर पेस के वापसी की अभी कोई संभावना नहीं है।
और सफल होंगी सानिया
36 साल के आनंद काफी फिट हैं। उन्होंने सानिया मिर्जा के प्रदर्शन की तारीफ की। उन्होंने कहा सानिया के लिए पिछला साल काफी अच्छा रहा था। उन्होंने सिंगापुर और ऑस्ट्रेलियन ओपन में खिताब जीता था। इंचियोन एशियन गेम्स साकेत मिनेनी के स्वर्ण पदक जीतने में कामयाब रही। इस साल की शुरुआत भी काफी अच्छी हुई है। अपने नए मिक्स्ड डबल्स पार्टनर स्विट्जरलैंड की मार्टिना हिंगिंस के साथ अब तक दो खिताब जीत चुकी हैं। वे और सफलता हासिल करेंगी।
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