ये उसी ऑटो वाले यात्रा का किस्सा है, जिस ऑटो में मैं लगभग रोज सवारी करता हूं।
तो हुआ यूं कि हर दिन की तरह साकेत मेट्रो से उतरकर घर जाने के लिए ऑटो में बैठा।
उसी ऑटो में, जिसमें तीन लोग तो आराम से बैठते हैं लेकिन चौथे को बैठना कंपलसरी होता है।
तो मेरी सीट पर मैं एक किनारे पर था। दूसरे किनारे पर एक और व्यक्ति। बीच में एक महिला बैठी और चौथी सवारी के रूप में एक लड़की आई।
लड़की दुबली-पलती थी। उम्र कोई 20 वर्ष। कान में हेडफोन लगाए गाना सुनते हुए।
महिला थोड़ी तंदरूस्त थी। लड़की मुश्किल से थोड़ी सी जगह कैसे भी करके बैठ गई। ऑटो चल पड़ा।
थोड़ी दूर ही ऑटो चला तो महिला ने लड़की से कहा- ठीक से बैठो। और आगे होकर बैठो। मुझे दिक्कत हो रही है।
लड़की ने कहा- मैडम मैं आगे ही हूं। बहुत थोड़ी सी जगह में बैठी हूं। मैं जहां बैठी हूं, इसको ही आगे कहते हैं। इससे आगे बढ़ी तो सीट से नीचे आ जाऊंगी।
पीछे होकर तो आप बैठी है। उसने एक सांस में अपनी बात पूरी की।
महिला युवती पर बरस पड़ी- बात करने की तमीज नहीं है, बड़ों से कैसे बात करते हैं?
महिला रूकी नहीं। आगे कहा- नॉनसेंस, इडियट... पता नहीं। कहां-कहां से आ जाते हैं?
लड़की ने अपना हेडफोन हटाया और कहा- मैडम इतनी दिक्कत हो रही है आपको तो प्राइवेट ऑटो करके आया करो।
महिला फिर कुछ बुदबुदाने लगी और चुप हो गई।
लड़की वाकई थोड़ी सी जगह में बमुश्किल बैठी थी। लेकिन शाम को सबको जल्दी होती है, घर जाने की। उसे भी थी। उसपर भी उस रास्ते पर कब जाम लग जाए, कहा नहीं जा सकता। तो उसने थोड़ी दिक्कत झेलकर भी जाना मंजूर किया था।
ऑटो में और भी लोग थे। पूरा वृतांत सब लोग देख सुन रहे थे। लेकिन कोई उस महिला को कुछ कहने की स्थिति में नहीं था। क्या पता वह लड़की को छोड़कर जो बोले- उसी पर बरस पड़े।
कुछ देर शांति रही।
लेकिन थोड़ी देर बाद फिर महिला फिर बरस पड़ी- एकदम तुमको समझ में नहीं आ रहा। मुझे कितनी दिक्कत हो रही है। बार-बार तुम मेरे शरीर में टच हो रही हो।
अब मुझसे रहा नहीं गया।
मैंने उस महिला से बस इतना कहा- क्या आप इस रूट पर पहली बार इस तरह के ऑटो में बैठी हैं?
महिला ने कोई जवाब नहीं दिया।
मैंने उस महिला से दूसरा सवाल किया- एक तो वह लड़की है तो आप उसे ऐसे बोल रही हैं। यदि उसकी जगह कोई लड़का बैठा होता तो आप क्या कहती? जरा बताइए।
उस महिला ने मेरे सवाल का कोई जवाब नहीं दिया और उसके बाद उस लड़की से भी कोई बात नहीं कही।
महिला का गंतव्य आया। उसने किराया दिया और चली गई।
महिला का गंतव्य आया। उसने किराया दिया और चली गई।
कैसे-कैसे लोग होते हैं, दुनिया में... !
No comments:
Post a Comment